- शाश्वत स्वर,,साल के 12 महीने डिमांड में रहने वाले ज्ञानपुरी-बंसरी के चिप्स देश में 5 हज़ार रुपये किलो तक बिक रहे हैं. लेकिन भारतीय सीमा को पार कर दूसरे देशों में पहुंचते ही इनके रेट 2 लाख रुपये किलो तक हो जाते हैं. यूपी (UP) के इटावा और पश्चिम बंगाल (West Bengal) के 24 परगना में ज्ञानपुरी-बंसरी के यह खास चिप्स तैयार किए जा रहे हैं. ज्ञानपुरी-बंसरी एक जगह है, इसी के नाम पर कछुओं की तीन खास प्रजाति को ज्ञानपुर-बंसरी कहा जाता है. यह सबसे ज़्यादा इटावा में पाई जाती है. यह इलाका राष्ट्रीय चंबल सेंचूरी में आता है. बावजूद इसके यहां से बड़ी संख्या में कछुओं की तस्करी (Smuggling) हो रही है.
- राजीव चौहान के अनुसार स्थानीय तस्करों से मिली जानकरी के मुताबिक कछुओं को पकड़ने और उनके चिप्स बनाने वाले 5 हज़ार रुपये किलो के हिसाब से ज्ञानपुरी और बंसरी में निलसोनिया गैंगटिस और चित्रा इंडिका कछुओं के चिप्स बेचते हैं. इटावा-पिनहाट से यह चिप्स 24 परगना पहुंचाए जाते हैं. जहां से यह थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर को तस्करी कर दिए जाते हैं. तस्करों के अनुसार इन तीन देशों में पहुंचते ही चिप्स 2 लाख रुपये किलो तक बिकने लगता है. एक किलो वजन के कछुए में से 250 ग्राम तक चिप्स निकाल आते हैं.
भारत में 5 हज़ार रुपये किलो बिकने वाले ज्ञानपुरी-बंसरी के चिप्स, विदेश जाते ही इतने लाख रुपये हो जाती है इसकी कीमत…